झाँक कर देख अपना तू गिरेवान,
तुझे भी शर्म आ जाएगी।
गर ना आई तो कह देना,
मेरे दिल में चोर नहीं।।
क्यूँ दिन ब दिन दे रहा झूठ का ठंडा जहर,
ये अवाम कोहराम मचा देगी।
गर तू हो वजीरे आला भी तो,
ये तेरा भी वजूद मिटा देगी।।
है वक्त अभी भी इतना यूँही मशगूल ना हो,
आजा अब भी चौराहे पर,
ले प्रण कि आगे से कोई भूल ना हो।
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सोमवीर सिंह